Damage To Varieties :
हम आपको आज सोयाबीन की वैरायटी 9560 और 2034 के बारे में बताने वाले है। इस वैरायटी के बारे में कुछ खास जानकारी बताने वाले है, आइये जानते है।
किसानों के चेहरे पर खिंची चिंता की लकिरें, खेतो में इस बार लगभग 98 प्रतिशत बुवाई हो चुकी है। किसान बारिश के वजह से बहुत ही परेशान हुए है। हम आपको आज के इस आर्टिकल बताने वाले है, की सोयाबीन फसल को नुकसान होने से कैसे बचाया जाएं।
इस वर्ष कहि क्षेत्रों में धुवा दार बारिश होने से सोयाबीन की फसल को वैरायटी 9560 और 2034 को नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे ही बारिश चलती रही तो फसल में फूल उत्पन्न नहीं होंगे और फसल ख़राब हो जाएँगी।
किसानों ने कुछ माह पहले अपने खेतों में 9560 और 2034 वैरायटी की सोयाबीन की बुवाई कराई थी। यह फसल 30 दिन में एक से देढ़ फीट हो जाती है, बारिश होने के कारण फसल आधा फीट से जादा नहीं बढ़ पाई है।
ऐसे ही चलते रहा तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ भी सकता है। इन दोनों वैरायटी की फसल 85 से 90 दिन में तैयार हो जाती है।
किसानों का मानना है की पूर्व में भी बारिश होने से सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान हो चुका है। ऐसा किसानो का मानना है।
इस साल किसान सोयाबीन की फसल अच्छी होने की इच्छा जाहिर करते है। कभी-कभी ज्यादा बारिश भी होने के वजह से किसानों के लिए नुकसान दायक भी साबित हो जाती है।
सोयाबीन की अलग अलग उन्नत किस्में ऐसे है।
सोयाबीन की कई तरह की उन्नत किस्में है, जिसे किसान अपने खेतो में बुवाई कर सकता है। जानते है कोण कोनसी किस्में है।
- जेएस 20-34
- जेएस 116
- पूसा 12
- जेएस 335
- एनआरसी 128
- एसएल-952
- एनआरसी 130
कुछ इस तरह की उन्नत किस्में सोयाबीन में मानी जाती है। किसान इस में से कोई भी किस्मे अपने खेत में बुवाई कर सकता है।
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