शतावरी की खेती करके कमाए महीने के लाखो रुपये, जाने पूरी प्रोसेस!

Shatavari Farming Business :

Shatavari Farming Business

अगर आप एक अच्छी कमाई करने की सोच रहे है तो। लोग ज्यादातर औषधि युक्त पेड़ पौधों की खेती करना चाहते हैं और यह खेती के कार्य क्षेत्र में अत्यधिक कमाई करने का भी एक रास्ता बन रहा है। अगर आप भी एक औषधि युक्त खेती करके अच्छी कमाई करना चाहते है तो इस लेख तो अंत तक पड़ना होगा।

शतावरी क्या है

तावरी एक प्रकार का औषधि युक्त बहुत ही महत्वपूर्ण पौधा है। शतावरी लिली ऐसी कुल का एक औषधि के गुणों से युक्त पौधा है, इसका अर्थ पत्तों वाले पौधों से है। शतावरी के पौधे का उपयोग कई प्रकार की दवा को बनाने में किया जाता है। शतावरी का पौधा साथ-साथ कांटेदार लताओं के रूप में 1 से 2 मीटर लंबा होता है, इस पौधे की जड़ गुरु के रूप में होती है।

 

Shatavari Farming Business Plan Profit

Shatavari Farming Business 2023

शतावरी के पौधे की एक अन्य प्रजाति हिमालय में पाई जाती है, यह प्रजाति हिमालय में 4 से 9 हजार फिट की ऊंचाई तक मिलता है। हिमालय में पाया जाने वाला शतावरी का यह पौधा शाखाओं और कांटो से रहित होता है, अर्थात यह सीधा और बिना कांटे वाला पौधा है।

शतावरी के पौधे किन देशों में पाया जाता है (Location)

औषधि के गुणों से युक्त शतावरी का पौधा भारत के साथ-साथ श्रीलंका और पूरे हिमालयी क्षेत्र पाया जाता है।

शतावरी फसल की किस्में (Type)

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मार्केट में सबसे ज्यादा चर्चित किस्म है। मार्केट में इसी किस्म की अलग-अलग क्वालिटी आपको देखने को मिल जाएगी। इसी किस्म की अलग-अलग क्वालिटी से फसलों के उत्पादन में काफी प्रभाव पड़ता है।

शतावरी की खेती करने के तरीके (Plan)

सतावर की खेती करने के लिए अनेकों प्रकार होते हैं। कंडीशन को फॉलो करके आप शतावरी की खेती काफी अच्छे तरीके से कर सकेंगेऔर काफी उत्पादन भी प्राप्त कर पाएंगे। यदि आप चाहते हैं, कि इस औषधि युक्त पौधे की उत्पादकता में वृद्धि है।

शतावरी की खेती के लिए खेत की तैयारी और फसल की रोपाई

सतावर की खेती करने के लिए जुलाई अच्छा होता है। शतावरी की खेती करने के लिए अपने खेत को तैयार कर लेना चाहिए। शतावरी के व्यवसायिक खेती के लिए बीजो की तुलना में शतावरी के छोटे पौधों को काफी प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि छोटे पौधे लगाने से शतावरी की फसल काफी अच्छी आती है शतावरी के फसल की रोपाई भी धान के फसल के जैसे ही की जाती है

फसल की बुवाई से फसल के पकने में लगने वाला समय (Timing)

फसल को तैयार होने में लगभग 18 महीने का समय लगता है, अर्थात इसकी फसल लगभग 18 महीने में तैयार हो जाती है। शतावरी के फसल की बुवाई से 18 महीने बाद हमें इस फसल की गिरी जड़ प्राप्त होती है।

शतावरी की फसल कहां बेची जाती है (Where to Sell)

फसल को दिल्ली, बनारस, लखनऊ, कानपुर, हरिद्वार जैसे विकसित शहरों में बेचा जा सकता है। फसल को डायरेक्ट आयुर्वेदिक दवा कंपनियों को बेच सकते हैं।

शतावरी रोग औषधि

  • पेशाब में होने वाले जलन को कम करने के लिए
  • महिलाओं के स्तन्य की मात्रा बढ़ाने के लिए
  • दर्द कम करने के लिए
  • पाचन संबंधी बीमारियों के इलाज में
  • ट्यूमर के इलाज में
  • वजन बढ़ाने में
  • गले के संक्रमण को कम करने के लिए
  • भूख कम लगने की स्थिति में
  • अनिद्रा में

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