बाप दादा की संपत्ति बेचने के लिए इन वारिसों की सहमति जरूरी, जाने पूरी जानकारी!

Registration New Rule:

बाप दादा की संपत्ति बेचने के लिए इन वारिसों की सहमति होनी जरूरी है। आइये जानते है, पूरी जानकारी इस आर्टिकल मै, सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को सही बताते हुये, कि हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम के बारे में बताया है। जानते है, कोनसी धारा में बताया गया है।

धारा 22 के अनुसार बताया गया है, की संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति का बंटवारा होने से पहले यदि उत्तराधिकार को मिली संपत्ति को कोई एक सदस्य बेचना चाहता है।

वह नहीं बेच सकता साथ ही अन्य वारिस उस संपत्ति को खरीदने का दावा भी प्राथमिकता के आधार पर कर सकते है। बलकी संपत्ति को किसी तीसरे व्यक्ति को बेचने से पहले, सभी सदस्य की सहमति होनी चाइये।

 

2008 में हाइकोर्ट की एकलपीठ ने यह फैसला सुनाया है, कि हिंदू धारा के तहत प्रावधान कृषि भूमि की बिक्री पर लागू नहीं किया जायेगा।

2015 में पारित फैसले पर दूसरी एकलपीठ ने बताया कि हिंदू धारा के प्रावधान कृषि भूमि की बिक्री पर लागू हो सकती है।

इसके बाद दो विरोधाभासी निर्णय को ध्यान में आने के बाद एकल पीठ ने इस मामले को हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष उचित निर्णय के लिए भेज दिया।

जय से की, खंडपीठ ने 2015 में पारित निर्णय को सही करार देते हुए, यह स्पष्ट कर दिया है, कि हिंदू धारा 22 के मुताबिक कृषि भूमि सहित सभी तरह की भूमि से जुड़े विवादों के लिए, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के प्रावधान लागू किये गए है।

फैसले के आधार पर न्यायाधीश सीबी ने सात मई 2018 को बाबू राम की अपील को खारिज करते हुए उक्त व्यवस्था को उचित ठहराव दिया था। बाबू राम ने सुप्रीमकोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।

और पढ़े- अब सिर्फ 100 रुपये में होंगी जमीन की रजिस्ट्री, जाने कैसे!

सरकारी योजना ग्रुप
Farming Idea : पिली नहीं बल्कि इस हल्दी की खेती कर आप कमा सकते है डबल मुनाफा ! Personal Loan लेते समय कभी न करें ये 3 गलतियां! Ration लेने के लिए लाइन में खड़े रहने का झंझट ख़तम, अब बैंक खाते में आएंगे अनाज के पैसे ! Garib Kalyaan Scheme 2023 : इस योजना के तहत राशन कार्ड धारक को मिलेंगा फ्री राशन ! बच्चियों के लिए सरकार की जबरदस्त योजना, करे आवेदन !