Farming :

हल ही में रबी फसलों की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में किसान रबी और खरीफ सीजन के बीच के इस समय का उपयोग करते हुए सब्जियों की खेती करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं। मई महीना ऐसे में आप कई सब्जियों की खेती कर सकते हैं।
अब तो पॉली हाउस में 12 माह हर सीजन की सब्जियां उगाई जा सकती है, लेकिन हम आपको मई माह में खेत में उगाई जाने वाली टॉप 5 सब्जियों की खेती के बारे में बताने जा रहे है, इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पड़ना होगा।
फूलगोभी की खेती (Farming of Cauliflower)

मई माह में किसान भाई फूलगोभी की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। फूलगोभी में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन भरपूर मात्रा पाई जाती है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदत मिलती है। इसका उपयोग सब्जी बनाने के साथ ही सूप, अचार, सलाद, पकौड़े, पराठे आदि खाने की चीजें बनाने में किया जाता है।
फूलगोभी की खेती किसी भी भूमि में की जा सकती है। लेकिन इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकास वाली दोमट जीवांश की मात्रा हो अच्छी रहती है। इसकी अगेती, पिछती और मध्यम तरीकों में आती हैं। इसकी स्थानीय और उन्नत दोनों किस्में होती है आप अपने क्षेत्र के हिसाब से किस्म का चयन कर सकते हैं। अभी आप इसकी अगेती किस्म की बुवाई कर सकते हैं।
भिंड़ी की खेती

भिंडी को बाजार में अच्छे भाव मिल जाते हैं। ऐसे में इसकी खेती करके आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आपको बता देकी सिंचाई की सुविधा होने पर भिंड़ी की खेती साल में तीन बार की जा सकती है। इसकी खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी अच्छी रहती है।
भिंडी की खेती किस्मों में परभन क्रांति, पूसा सावनी, पंजाब पद्मनी, अर्का भय, अर्का अनामिका, पंजाब-7, पंजाब -13 आदि है। भिंडी की बुवाई से पहले बीजों को जाँच कर लें, इसके बाद इसकी बुवाई करें। इसकी बुवाई के समय लाइन से लाइन की दूरी कम से कम 40 से 45 सेमी. होनी चाहिए। एक हैक्टेयर के लिए 2.5 से 3 किग्रा, बीज दर काफी है।
मिर्च की खेती

मिर्च एक मसाला फसल है। इसकी खेती काफी लाभकारी मानी गई है। इसकी मांग 12 महीने रहती है। इसलिए इस माह इसकी खेती की जाए तो किसान अच्छा पैसा कमा सकते हैं। मिर्च की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है जिसमें कार्बनिक पदार्थों की पर्याप्त मात्रा हो एवं जल निकास की उचित व्यवस्था हो, वहां इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है.
मिर्च कई प्रकार की होती है जैसे जापानी सफेद, पूसा देशी, पूसा चेतकी, अर्का निशांत, जौनपुरी, बॉम्बे रेड, पूसा रेशमी, पंजाब अगेती, पंजाब सफेद, आईएचआर 1-1 एवं कल्याणपुर सफेद अच्छी मानी जाती है। मूली के बीजों की बुवाई मेडों तथा समतल क्यारियों में दोनों तरीके से की जा सकती है।
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