Farmer Loans :

किसानों को आर्थिक रूप में सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें भी लगातार प्रयास कर रही है। देश में 80 प्रतिशत किसान छोटे एवं मध्यम श्रेणी से आते हैं, वही किसान खेती करने के लिए किसी न किसी बैंक या सहकारी समितियों से उन्हें लोन लेना पड़ता है। बहुत से किसान खेती करने के लिए किसी ना किसी बैंक से कर्ज लेते है।
हालही में आने वाले महीनों में खरीफ फसलों की बुवाई का कार्य किसानों द्वारा शुरू किया जाएगा। फसलों की बुवाई करने के लिए किसान बैंक से कर्ज लेंगा। किसान बैंक से आसानी से कर्ज ले सके इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है, जिसके तहत अगर राज्य में कोई भी बैंक सिबिल स्कोर के चलते किसानों को कर्ज देने से मना करती है.
तो उस बैंक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। बता दें कि किसानों के लिए खरीफ सीजन में कृषि लोन के लिए रिजर्व बैंक ने सिबिल स्कोर की अठ रही है, जिसके विरोध किसान कर रहे है।
किसानों को कर्ज नहीं दिया, तो होगी कार्यवाही

अन्य लोन की तरह ही कृषि लोन के लिए भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने किसानों के लिए सिबिल स्कोर अनिवार्य किया है। जिसको लेकर महाराष्ट्र में किसानों ने सिबिल स्कोर को जल्द से जल्द हटानेकी मांग सरकार से की है। इस पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और अमरावती के पालक मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बयान देते हुए कहा कि आरबीआई द्वारा कृषि कर्ज के लिए निर्धारित सिबिल स्कोर की शर्त को हटाने के लिए सरकार ने बड़ा आदेश जारी किया है।
अगर सिबिल स्कोर की शर्त को लगाकर बैंक किसानों को कर्ज नहीं देती है, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगा। सरकार के इस फैसले से किसानों को काफी राहत मिलेगी। किसान अब कृषि कार्यों के लिए बिना सिबिल स्कोर के बैंकों से आसानी से लोन का लाभ ले सकते है।
किसानों ने निकाला था बैलगाड़ी मार्च

उपमुख्यमंत्री बताया की किसानों को कृषि लोन देने के लिए आरबीआई ने सिबिल स्कोर अनिवार्यता की शर्त रखी थी, जिसका विरोध में बीते कुछ दिन पहले अकोला में किसानों ने बैलगाड़ी मार्च निकाला था। किसानों ने कहना था कि सिबिल स्कोर अनिवार्यता की शर्त लागू होने से लगभग 90 प्रतिशत किसानों को कृषि कर्ज नहीं मिल सकता।
उनका कहना है कि किसानों को कृषि लोन देने के लिए सिबिल स्कोर की शर्त लागु नहीं करनी चाहिए। क्योंकि किसान हमेशा कर्ज लेकर खेती करता है और कर्ज के लेन देन में उतार-चढ़ाव होता रहता है। ऐसे में आरबीआई की सिबिल स्कोर की शर्त किसानों को कृषि कर्ज दिलाने में बहुत बड़ी समस्या होंगी।
सरकार से मिलने वाले मुआवजा को बैंक कर्ज खाते में नहीं जमा करें
उपमुख्यमंत्री ने कहा, अमरावती और विदर्भ के कई इलाकों में फसल बर्बाद होने पर किसानों को मुआवजा राशि दी जा रही है। सरकार की ओर मिलने वाले अनुदान की राशि या फिर संजय गांधी निराधार योजना की राशि, सरकार द्वारा दोनों योजनाें की राशि बैंकों के खाते में जमा कराई जाएँगी।
बारिश के पानी को संचित करने की व्यवस्था
फडणवीस ने कहा कि इस साल सिंचाई के चलते फसल की नुकसान नहीं होगी। इसके लिए जलयुक्त शिवार योजना के तहत बारिश के पानी को संचित करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। जिससे बारिश का पानी संचित करने के लिए उपयोग में ला सके। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के कई इलाके हैं, जहां कम बारिश के चलते फसल बर्बाद हो जाती है।
और पढ़िए – किसानों को कृषि पाइप लाइन पर मिलेंगी भारी सब्सिडी , जानिए कैसे ले सकते हैं लाभ!