India’s Richest Farmer :
भारत एक कृषि प्रधान देश है, फिर भी किसानों की हालत काफी ख़राब है. हालांकि, कुछ किसान ऐसे भी हैं, जो खेती से बहुत ज्यादा पैसा कमा रहे हैं. हम आपको देश के उन अमीर किसानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसी कंपनी के सीईओ की सालाना सैलरी से ज्यादा पैसा कमाते हैं.
भारत के अमीर किसानों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत कुछ राज्यों के कृषक के शामिल हैं. आइये आपको बताते हैं आखिर किस फसल की खेती करते हैं ये किसान और कितनी है इनकी सालाना इनकम?
यूपी के इस किसान का खेती में जलवा
उत्तर प्रदेश के दौलतपुर के रहने वाले रामशरण वर्मा एक बड़े किसान हैं. सिर्फ 5 एकड़ से खेती की शुरुआत करने वाले रामशरण वर्मा के पास आज 200 एकड़ से भी ज्यादा खेती करने इतनी जमीन है।
सूत्रों के अनुसार, रामशरण वर्मा को खेती-किसानी से सालाना 2 करोड़ की आमदनी होती है. 2019 में केंद्र सरकार उन्हें पद्मश्री से सम्मानित कर चुकी है. रामशरण वर्मा ज्यादातर सब्जियों की खेती करते हैं.
वहीं, रामशरण वर्मा के बाद अमीर किसानों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर जयपुर के रमेश चौधरी हैं. रमेश चौधरी टमाटर और खीरे की खेती के साथ-साथ फूलों की खेती भी करते हैं. इनका सालाना टर्नओवर भी लगभग 2 करोड़ के आसपास है.
इंजीनियरिंग छोड़ शुरू की खेती
पेशे से ऑटोमोबाइल इंजीनियर रह चुके प्रमोद गौतम ने नौकरी छोड़ 2006 में खेती करने का फैसला किया और 26 एकड़ जमीन से खेती की शुरुआत की. उन्होंने सबसे पहले मूंगफली और हल्दी की खेती की, पर उन्हें उन खेती में नुकसान हुआ.
फिर प्रमोद ने कई फलों- संतरा, अंगूर, केला, नींबू, अमरूद जैसे फलों की बागवानी शुरू की. किसान प्रमोद गौतम प्रोसेस्ड और बिना पॉलिश की दालें भी बेचने लगे. दाल मिल से इनका वार्षिक राजस्व और बागवानी से अतिरिक्त 10-12 लाख रुपये के साथ सालाना टर्नओवर लगभग 1 करोड़ रुपये का है, जो एक इंजीनियर के रूप में उनके वेतन से काफी ज्यादा है.
कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग से बड़ी कमाई
आपको बता देकि छत्तीसगढ़ के रहने वाले सचिन काले भारत के सबसे अमीर किसानों की लिस्ट में शामिल हैं. खेती-किसानी से पहले सचिन भी नौकरी किया करते थे. 2014 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर एक इनोवेटिव एग्रीलाइफ सलूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई.
यह कंपनी किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करती है और इस आइडिया के जरिए सचिन काले अच्छा पैसा कमा रहे हैं. सचिन काले का सालाना टर्नओवर लगभग ढाई करोड़ रुपये के आसपास है.
नौकरी छोड़कर खेती-किसानी में जुटे हरीश धनदेव ने अपने 120 एकड़ के खेत में एलोवेरा और अन्य फसलें उगाने का काम शुरू किया. राजस्थान के अधिकांश किसान एक ही समय में गेहूं, मूंग और बाजरा उगाते हैं, लेकिन हरीश ने एलोवेरा की खेती करनी शुरू की, जिसकी ब्राजील, हांगकांग और अमेरिका में उच्च मांग है.
इसेभी पढ़िए – अब जमीन रजिस्ट्री कराने पर बचेंगे लाखों रुपए, महिला खरीदार को भी मिलेगी छूट, जाने पूरी जानकारी!