Fertilizer Management In Fram :
धान की फसल में खाद प्रबंधन किस प्रकार करना चाहिए आज हम इसके बारे में बताने वाले है। खाद प्रबंधन हमारी पैदावार को बढ़ा या घटा सकती है। आपकी फसल की पैदावार इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपनी फसल में खाद किस समय पर खाद डालते हो।
सही समय पर खाद डालने से आपकी फसल में कल्ले बढ़ाने के लिए अलग से कोई टॉनिक देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसलिए किसान भाइयों को खाद प्रबंधन पर बहुत ज्यादा ध्यान देना चाहिए। सही तरीके से खाद प्रबंधन करने पर आपकी पैदावार भी बढ़ेगी और आपका फसल पर खर्च भी काम आएगा।
धान की फसल में खाद देने से पहले आपको पता होना चाहिए कि किस समय कौन-कौन सा खाद डालना है। इन सबकी जानकारी के लिए आपको धान के पौधे के के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है।
धान की फसल में 3 चरण महत्वपूर्ण होते हैं।
- प्रारंभिक वृद्धि चरण (Early grouth stage)
- कल्ले फूटने का समय (Tillering stage)
- पुष्पगुच्छ दीक्षा (Panicle initiation stage)
प्रारंभिक वृद्धि चरण ( Early grouth stage )
पौधे की प्रारंभिक वृद्धि के लिए फास्फोरस, पोटाश और सल्फर की जरूरत होती है। इस समय में नाइट्रोजन की आवश्यकता कम होती है। इसलिए हमें पोटाश, सल्फर और फास्फोरस की पूरी मात्रा शुरू में ही दे देनी चाहिए।
कल्ले फूटने का समय (Tillering stage)
इस समय पौधे को नाइट्रोजन की जरुरत ज्यादा होती है। इस समय पौधे को ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है जिससे वह अपने कल्लों का फुटव अच्छे से कर सके। धान में कल्ले बनाने का समय 45 से 50 दिन तक रहता है।
इकपुष्पगुच्छ दीक्षा (Panicle initiation stage)
पुष्पगुच्छ दीक्षा (Panicle initiation stage) के समय पौधे को नाइट्रोजन और पोटाश की आवश्यकता अधिक होती है। पुष्पगुच्छ का आरंभ आमतौर पर कटाई से लगभग 55 से 60 दिन पहले तक होता है।
रोपाई वाली धान में खाद प्रबंधन
धान की फसल में अधिक पैदावार लेने के लिए है हमें खाद प्रबंधन इस प्रकार करना चाहिए जिससे हमारी फसल में कल्लों का विकास हो सके। कल्ले बनाने की हमारी प्रक्रिया इस बात पर निर्भर करती की हमने खाद किस अनुपात में और किस समय डाला जाता है।
रोपाई वाली धान में खाद प्रबंधन हमे कई प्रकार सेकरनी होगी। खेत की तैयारी के समय हमें 30 किलो यूरिया कद्दू करने पहले डाल देना चाहिए। यह यूरिया खेत की तैयारी के लिए है। इस यूरिया को आप भूल जाओ कि हमने इसमें यूरिया डाला है।
पहला खाद
रोपाई वाली धान में पहला खाद हमने पहले सप्ताह में यानी 1 से 7 दिन के अंदर खेत में डाल देना है। इसमें हमने 34kg यूरिया+50kg डीएपी+3kg सल्फर का इस्तेमाल करना है।
दूसरी खाद
दूसरी खाद हमने रोपाई के 15–16 दिन पर देनी है। इस खाद में हमने 34kg यूरिया+4kg जिंक सल्फेट का प्रयोग करना है।
तीसरा खाद
तीसरा खाद हमने रोपाई के 25–28 दिन पर देना है। इस खाद में हमने 34kg यूरिया का प्रयोग करना है। यदि आपकी धान में पीलापन है तो इस समय पर आप 10kg लोहा जिंक (ferrous sulphate) का प्रयोग भी कर सकते हैं।
चौथा खाद
चौथा और आखिरी खाद हमने 42–45 दिन पर देनी है। इस खाद में हम 34kg यूरिया+ 20kg MOP का प्रयोग करना है। हमने जो खाद देने का तरीका बताया है। यह आपकी मध्यम समय की किस्मों के लिए है। यदि आप कम समय या अधिक समय वाली धान की किस्म अपने खेत में लगाते हैं।
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