Start Sandalwood Farming :

सभी को पता है की चन्दन की लकड़ी बहुत काम की चीज हैं इसका इस्तेमाल बहुत से चीजों में किया जाता हैं जैसे की सौन्दर्य उत्पादों में, धार्मिक अनुष्ठानों में, इत्र बनाने में एवं कुछ औषिधियों में आदि. क्योकि इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसकी बाजार में काफी डिमांड है।
इसलिए ज्यादातर लोग इसे खरीदते हैं. लेकिन इसकी खेती कम पैमाने में की जाती है, यह सभी खेती से थोड़ी अलग होती हैं, इसकी मांग बाजार में ज्यादा होने के कारण किसान इसकी खेती करते हैं और भारी मुनाफा भी कमाते हैं. यदि आप भी इसकी खेती करके अच्छे खासे पैसे कामना चाहते है तो, इस लेख तो अंत तक पड़े।
चन्दन की खेती की बाजार में मांग

चन्दन एक ऐसा उत्पाद हैं जोकि काफी उपयोगी तो है लेकिन यह काफी कीमती भी है. इसकी वजह है बाजार में इसकी मांग ज्यादा होना और इसकी तुलना में इसका उत्पादन कम होना. इसकी मांग देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है।
आपको बता देकी भारत में प्रतिवर्ष कम से कम 7 हजार से 8 हजार तब चन्दन की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यदि इसके उत्पादन की बात की जायें तो वह प्रतिवर्ष केवल 100 टन ही होता है.
चन्दन की लकड़ी की बाजार में कीमत

चन्दन की लकड़ी की बाजार में कीमत की बात करें तो यह 6 हजार से लेकर 12 हजार रूपये प्रति किलोग्राम की दर में बिकती है.
चन्दन की प्रजातियाँ
चन्दन की पूरे विश्व में कुल मिलाकर 16 प्रजातियाँ हैं, जिनमें सेंत्लम एल्बम बहुत ही अच्छी सुगंध वाली होती हैं और इसी में सबसे अधिक औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. चंदन की 16 प्रजातियों में सफेद चन्दन, सेंडल, अबेयाद, श्रीखंड, सुखद सेंडल आदि शामिल है. और इन्ही की खेती सबसे ज्यादा की जाती हैं.
चन्दन की खेती करने में मिट्टी का चुनाव

चन्दन की खेती करने के लिए किसी विशेष तरह की मिट्टी होनी जरुरी नहीं हैं यह सभी तरह की मिट्टी में की जा सकती है. लेकिन कुछ मिट्टी की किस्में जिनमें चन्दन की खेती अच्छे तरीके से हो सकती हैं उनमें रेतीली मिट्टी, चिकनी मिट्टी, लाल मिट्टी, काली दानेदार मिट्टी आदि शामिल है.
चन्दन की खेती करने के लिए उपयुक्त स्थान
आप चन्दन की खेती भारत में कुछ जगहों को छोड़कर कहीं भी की जा सकती हैं. वे जगहें हैं कश्मीर, लद्दाख एवं राजस्थान का जैसलमेर आदि. यहाँ का वातावरण एवं मिट्टी दोनों चन्दन की खेती के लिए सही नहीं होती हैं. क्योकि यहाँ पानी जम जाता हैं और बर्फ गिरती है और यहाँ की मिट्टी रेतीली होती हैं.
इसलिए चन्दन की खेती इन जगहों पर अच्छे से नहीं हो सकती है. लेकिन भारत में चन्दन की खेती करने के लिए सबसे अच्छा उपयुक्त स्थान हैं पश्चिम बंगाल, वहां का वन क्षेत्र इसके लिए सबसे सही जगह है.
चन्दन की खेती करने का तरीका
- एक एकड़ जमीन में आप ज्यादा से ज्यादा 375 सफ़ेद चन्दन के पौधे लगा सकते हैं.
- चन्दन के पौधों में ज्यादा पानी जमा नहीं करना होता हैं इसलिए इसके चन्दन के खेत में मेड़ बनाकर पौधे का रोपण किया जाता है. ये मेड़ कम सेकम 10 फुट की दूरी पर बनाना पड़ता है।
- मेड़ के ऊपर चन्दन के जो पौधे लगाये जाते हैं उसी एक दूसरे से दूरी 12 फुट से कम नहीं होनी चाहिये.
- एक बात जो सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली है वह यह कि चन्दन के पौधे अकेले कभी नहीं लगाये जाते हैं वरना ये सूख जाते हैं.क्योकि चन्दन अर्धपरजीवी पौधा होता है. इसका मतलब यह है कि चन्दन के एक पौधे की जितनी आयु होती हैं उसमें से आधा उसका खुद का जीवन होता हैं और आधा वह दूसरे पौधे की जड़ पर निर्भर करता है.
- चन्दन की खेती जिस इलाके में की जाती हैं वहां पर कुछ साथी पौधों को भी लगाना आवश्यक होता है. क्योकि ये चन्दन के बढ़ने में सहायक होते हैं. इसलिए 375 सफेद चन्दन के आसपास 125 अन्य साथी पौधे भी लगाना आवश्यक है. ये साथी पौधे लाल चन्दन, कैजुराइना, देसी नीम, मीठी नीम एवं सहजन के पौधे आदि हो सकते हैं. ये सबसे सही विकल्प है.
चन्दन के पौधे या बीज कहाँ से मिलेगा।
चन्दन की खेती करने के लिए बीज या पौधे किसी का भी रोपण किया जा सकता है. सके बीज या पौधे खरीदने के लिए आपको केंद्र सरकार के लकड़ी विज्ञान एवं तकनिकी संसथान जोकि बंगलौर में स्थित से वहाँ से सम्पर्क करना होगा.
अलावा भारत के उत्तरप्रदेश में भी इसकी एक नर्सरी है जहाँ आपको इसकी जानकारी एवं पौधे दोनों मिल जायेंगे. इसके लिए आपको मशहूर एल्ब्सन एग्रोफ्रेस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड से सम्पर्क करने की आवश्यकता है।
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