Fasal Bima Yojana 2023 :
प्रदेश में फसलों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन संबंधी अधिसूचना कृषि विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।
खरीफ वर्ष 2023 में फसल बीमा की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 निर्धारित की गई है, इसके साथ ही रबी फसलों हेतु अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2023 तक हो गई थी।
जिले में कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने वर्तमान में किसानों को बारिश के प्रभाव से फसलों पर होने वाले नुकसान से राहत दिलाने हेतु अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ देने की घोषणा की है।
इस हेतु उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारियों, आरईएओ, तहसीलदार को फील्ड विजीट कर आवश्यक कार्यवाही करने कहा है। इस दैरान सभी किसानो को फसल बिमा का लाभ दिया जाएगा।
Fasal Bima Labh :
फसल बीमा के लिए भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध बीमा कम्पनियों में से एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, एचडीएफसी इरगो एवं बजाज अल्यांज जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड का चयन खरीफ एवं रबी वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं वर्ष 2025-26 के लिए आदेश जारी किया है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों के किसान मुख्य फसल धान सिंचित, धान असिंचित एवं अन्य फसल-जैसे मक्का, सोयाबीन, अरहर, मूंग, उड़द, कोदो, कुटकी एवं रागी का बीमा करा सकते है।
लोन और बिना लोन वाले कृषक जो भू-धारक व बटाईदार हो योजना में ऐच्छिक रूप से शामिल हो सकते हैं। ओ भी इस योजना का लाभ ले सकते है। तो आप जल्द से जल्द इस योजना का लाभ उठा ले।
कृषकों द्वारा प्रदाय दी जाने वाली प्रीमियम खरीफ वर्ष 2023 के लिए बीमित राशि का 2 प्रतिशत होगा। यानि किसानो को फसल बिमा 2 गुना दिया जाएगा।
बिना लोन वाले कृषक जो योजना के लिए आवेदन करना चाहते है वह बुआई प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक व भूमि के दस्तावेज के साथ बैंक/वित्तीय संस्थान, लोक सेवा केन्द्र (CSC), क्रियान्वयक बीमा कम्पनी में 31 जुलाई 2023 तक आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते है।
अधिसूचित बीमा में अधिसूचित फसल को प्रतिकूल मौसम से होने वाले नुकसान से राहत दिलाने के लिए रोपाई/रोपण जोखिम, स्थानीयकृत आपदाएं एवं फसल कटाई के उपरांत सूखने हेतु खेत पर रखे करपा को होने वाले नुकसान तथा ’फसल पैदावार के आधार पर व्यापक क्षति को योजना में प्रावधानित किया गया है।
अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 से पहले बीमा अवश्य करायें। कृषक अधिसूचित बीमा ईकाई/फसल प्रावधानित जोखिम दावा भुगतान की प्रक्रिया आदि की अधिक जानकारी के लिए जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति (DLMC PMFBY), कृषि कार्यालय, बैंक/वित्तीय संस्थान, क्रियान्वयक बीमा कम्पनी या लोक सेवा केन्द्र (CSC) से सम्पर्क कर सकते है।